बिहार के प्रमुख वन्य जीव अभ्यारण for BPSC,CDPO,SSC,Rly, BPSSC, BSSC, etc
बिहार में एक राष्ट्रीय उद्यान (वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान), एक बाघ अभ्यारण ( बाल्मीकि बाघ अभ्यारण) और एक चिड़ियाखाना (संजय गांधी जैविक उद्यान,पटना 1969 ई.) सहित कुल 8 वन्य जीव अभ्यारण और 5 पक्षी अभ्यारण मौजूद है। बिहार के प्रमुख वन्य जीव अभयारण्य से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न, BPSC,BPSSC,BSSC,BIHAR POLICE etc तथा इसका PDF डाउनलोड करें. बिहार के कोई भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए बिहार के वन्य जीव से सम्बंधित प्रश्न लगभग पूछे जाते है। इसमे सारे प्रश्नों को रखा है। जो बार-बार पूछे जाते है।

वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान (यह राष्ट्रीय उद्यान और बाघ रिज़र्व भी है)
- इसे 1978ई. में एक वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था। वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1990 में हुई थी
- यह राज्य का एकमात्र बाघ अभयारण्य है।
- कुल वन क्षेत्र में लगभग 901 वर्ग किमी शामिल है, जिसमें से वाल्मीकि वन्यजीव अभयारण्य का विस्तार 880.78 वर्ग किमी है। और राष्ट्रीय उद्यान का प्रसार लगभग 335.64 वर्ग किमी है।
- यह अभयारण्य पश्चिमी चंपारण जिले का एक रेलवे स्टेशन नरकटियागंज के पास स्थित है।
- इस अभ्यारण में बाघ के अतिरिक्त तेंदुआ, भालू, चीतल, सांभर आदि अनेक वन्यजीव निवास करते हैं।
- वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान उत्तर में नेपाल के रॉयल चितवन नेशनल पार्क और पश्चिमी जिले पर हिमालय पर्वत की गंडक नदी से घिरा हुआ है।
गौतम बुद्ध वन्यजीव अभ्यारण
- यह अभ्यारण गया जिले में स्थित है।
- इसका विस्तार 138.33 वर्ग किलोमीटर में फैला है।
- इसकी स्थापना 1976 ईस्वी में की गई थी।
- इस अभ्यारण में मुख्यतः चीता, सांभर, तेंदुआ, हिरन आदि वन्य जीव मुख्य रूप से पाए जाते हैं।
भीम बांध वन्यजीव अभ्यारण (Bhimbandh wildlife Sanctuary)
- यह वन्य जीव अभ्यारण मुंगेर जिला में स्थित है
- स्थापना 1976 ईस्वी में हुई थी
- यह अभ्यारण 680.94 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है
- यहां भालू, तेदुआ, जंगली सूअर, भेड़िया, बंदर, लंगूर, नीलगाय, मगरमच्छ,मोर इत्यादि पाए जाते हैं
- प्राकृतिक वादियों व घने जंगलों से घिरे भीम बांध अभ्यारण में गर्म जल के असीम स्रोत हैं.
उदयपुर वन्यजीव अभयारण्य (Udaypur Vanya Prani Sanctury)
- उदयपुर वन्य जीव अभ्यारण बिहार के पश्चिमी चंपारण में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल 8.87 वर्ग किलोमीटर है
- इसकी स्थापना 1978 ई में की गई थी
- यहां चीता, सांभर, हिरन, भालू इत्यादि पाए जाते हैं
कैमूर वन्य जीव अभ्यारण्य
- यह वन्य जीव अभ्यारण कैमूर जिले में स्थित है
- इसकी स्थापना 1979 ईस्वी में हुई थी
- यह लगभग 1784.73 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत हैं.
- वन्य जीव अभ्यारण सोन नदी के किनारे स्थित है
- यहां मुख्य रूप से भेड़िया, चीतल, लंगूर इत्यादि वन्यजीव पाए जाते हैं
राजगीर वन्य जीव अभ्यारण्य
- पंत / राजगीर वन्य जीव अभ्यारण बिहार के नालंदा जिले में स्थित है
- यह वन्य जीव अभ्यारण -35.84 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.
- इसकी स्थापना 1978ई. में हुई थी.
- यहां भेड़, गाय, भालू, बंदर, इत्यादि पाए जाते हैं
विक्रमशिला गंगेय डॉल्फिन अभ्यारण
- यह अभ्यारण बिहार के भागलपुर जिले मे स्थित है।
- यह अभ्यारण भारत में अपनी तरह का पहला डॉल्फिन अभ्यारण है।
- बिहार सरकार ने 1990 में इसे गंगेय डॉल्फिन अभ्यारण के रूप में मान्यता प्रदान की है।
- यह अभ्यारण गंगा नदी में मुंगेर से भागलपुर के कहलगांव तक 60 किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है।
रजौली वन्य जीव अभ्यारण्य
- रजौली वन्य जीव अभ्यारण नवादा जिले में स्थित है.
- नवादा जिले के रजौली जंगल के एक बड़े हिस्से को वन्य जीव अभयारण्य (वाइल्ड लाइफ सेंचुरी) की मान्यता प्रदान कर दी गयी है।
- इसका विस्तार लगभग 27.27 वर्ग किलोमीटर है.
- यहाँ मुख्य रूप से भालू, सांभर,लकड़बग्गा आदि शामिल हैं।
कुशेश्वेरस्थान पक्षी अभ्यारण्य
- कुशेश्वरस्थान पक्षी अभ्यारण बिहार के दरभंगा जिला मे स्थित है।
- इसकी स्थापना 1994 ईस्वी में हुआ था।
- इसका विस्तार 29.21 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
- उत्तर भारत का सबसे बड़ा पक्षी विहार है।
- यहाँ अक्टूबर माह में साइबेरियाई प्रवासी पक्षी आते हैं
बरेला सलीम अली पक्षी अभ्यारण्य (Baraila Salim ali Bird Sanctuary)
- यह वन जीव अभ्यारण वैशाली जिला में स्थित है
- इसकी स्थापना 1997 ईस्वी में हुई थी.
- इसका विस्तार 197.91 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है
- यहां चीता, हिरन, भालू, सांभर, इत्यादि जीव पाए जाते हैं
नटकी डैम पक्षी अभ्यारण्य
- यह अभ्यारण नागी डैम पक्षी अभ्यारण के समीप स्थित है।
- यह जमुई जिले में स्थित है।
- इसकी स्थापना 1987 मे की गई थी
- इसका विस्तार लगभग 3.33 वर्ग किलोमीटर में है
- यहां मुख्य रूप से कोयल, मैना, गौरैया, गिलहरी, तोता आदि पाए जाते हैं
प्रवासी पक्षियों का उत्सव मनाने के लिए 15-17 जनवरी 2021 को बिहार के पहले राजकीय पक्षी उत्सव कलरव का आयोजन जमुई जिले के झाझा में स्थित नागी-नटकी पक्षी विहार में किया गया। पक्षी उत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य पक्षियों के संरक्षण के मुद्दे पर जोर देना और मानव जीवन में पक्षियों का महत्व को बताना था।
यहां स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की 130 प्रजातियां पाई जाती है। जो भारत की 10% पक्षी विविधताओं को दर्शाता है।
नागी डैम पक्षी अभ्यारण्य
- यह अभ्यारण बिहार के जमुई जिले में स्थित एक पक्षी अभ्यारण है।
- इसका विस्तार लगभग1.92वर्ग किलोमीटर है।
- इसके स्थापना 1987 ई. मे हुई थी।
- यहां संरक्षित होने वाले पक्षियों में गौरैया, कोयल, तोता, मैना इत्यादि पक्षी शामिल है।
कांवर झील पक्षी अभ्यारण्य
- काँवर झील पक्षी अभ्यारण बिहार के बेगूसराय जिले में स्थित है।
- इसकी स्थापना 1989 ई. में की गई थी।
- इसका विस्तार लगभग 63.12 वर्ग किलोमीटर है।
- यह अभ्यारण मुख्य रूप से साइबेरियन क्रेन की वजह से आकर्षण का मुख्य केंद्र है।
गोगाबिल पक्षी विहार
- गोगाबिल पक्षी विहार कटिहार जिले में स्थित है।
- यह एक प्रकार का गोखुर झील है।
- झील के 57 हेक्टर क्षेत्र को कम्युनिटी रिजर्व 30 हेक्टर क्षेत्र को कंजर्वेशन रिजर्व के तौर पर अधिसूचित किया गया है।
- इसे वर्ष 1990 में इसे पक्षी विहार के रूप में मान्यता प्रदान की गई है.
- यह पक्षी विहार एक धनुषाकार झील स्थित है,
नाम | स्थान | क्षेत्रफल (वर्ग किमी) |
राष्ट्रीय पार्क (बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट-2020-21 से)
वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान | पश्चिमी चंपारण | 335.64 |
वन्यजीव अभ्यारण्य
बाल्मीकि वन्य जीव अभ्यारण | पश्चिम चंपारण | 880.78 |
गौतम बुद्ध वन्यजीव अभ्यारण्य | गया | 138.33 |
भीम बांध वन्य जीव अभ्यारण्य | मुंगेर | 680.94 |
उदयपुर वन्य जीव अभ्यारण्य | पश्चिम चंपारण | 8.87 |
कैमूर वन्य जीव अभ्यारण्य | रोहतास | 1784.73 |
राजगीर वन्य जीव अभ्यारण्य | नालंदा | 35.84 |
विक्रमशीला गंगेय डाल्फिन अभ्यारण्य | भागलपुर | 60 किलोमीटर |
राजौली वन्य जीव अभ्यारण्य | नवादा | 27.27 |
पक्षी अभ्यारण्य
कुशेश्वेरस्थान पक्षी अभ्यारण्य | दरभंगा | 29.21 |
बैडैला सलीम अली पक्षी अभ्यारण्य | वैशाली | 197.91 |
नाटकी डैम पक्षी अभ्यारण्य | जमुई | 3.33 |
नागी डैम पक्षी अभ्यारण्य | जमुई | 1.92 |
कांवर झील पक्षी अभ्यारण्य | बेगूसराय | 63.12 |